कृषि उपकरणों पर GST में छूट: किसानों को राहत
नीति का संक्षिप्त परिचय
किसानों की खेती की लागत को कम करने और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने माल और सेवा कर (GST) प्रणाली के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने कई आवश्यक कृषि उपकरणों और मशीनरी पर GST में छूट दी है या उन्हें न्यूनतम टैक्स स्लैब में रखा है। यह नीति एक प्रकार की अप्रत्यक्ष सब्सिडी है, जिसका सीधा लाभ किसानों को कृषि यंत्र खरीदते समय मिलता है। इसका मुख्य उद्देश्य कृषि के आधुनिकीकरण को प्रोत्साहित करना और यह सुनिश्चित करना है कि टैक्स का बोझ किसानों पर न पड़े, जिससे उनकी लाभप्रदता बढ़े। यह कदम PM Kisan जैसी प्रत्यक्ष लाभ योजनाओं का पूरक है।
किन उपकरणों पर है GST छूट या कम दर?
GST परिषद ने किसानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरणों को अलग-अलग टैक्स स्लैब में वर्गीकृत किया है। यह वर्गीकरण उपकरण के प्रकार और उसके उपयोग पर निर्भर करता है।
GST मुक्त (0% GST) उपकरण
कई हाथ से चलाए जाने वाले और बुनियादी कृषि उपकरणों को GST से पूरी तरह मुक्त रखा गया है ताकि छोटे और सीमांत किसान भी इन्हें आसानी से खरीद सकें। इनमें शामिल हैं:
- फावड़ा, कुदाल, गैंती, खुरपी
- हंसिया और अन्य कटाई के उपकरण
- कृषि और बागवानी में उपयोग होने वाले हाथ के स्प्रेयर
- पशु-चालित हल और अन्य उपकरण
न्यूनतम GST दर (5% और 12%) वाले उपकरण
कुछ मशीनीकृत उपकरणों को न्यूनतम टैक्स स्लैब में रखा गया है ताकि उनकी कीमत नियंत्रण में रहे।
- 5% GST: उर्वरक, ट्रैक्टर के कुछ विशिष्ट पुर्जे, ड्रिप सिंचाई प्रणाली और स्प्रिंकलर।
- 12% GST: ट्रैक्टर (1800cc इंजन तक), जुताई, बुवाई और कटाई की मशीनें जैसे रोटावेटर, कल्टीवेटर, थ्रेशर।
- 18% GST: 1800cc से अधिक इंजन वाले ट्रैक्टर और कुछ अन्य भारी कृषि मशीनरी।
किसानों को कैसे मिलता है इसका लाभ?
लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया:
- ✅ यह लाभ सीधे खरीद के समय मिलता है। किसानों को इसके लिए अलग से कोई आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती है।
- ✅ जब कोई किसान किसी अधिकृत डीलर से GST के दायरे में आने वाला कृषि उपकरण खरीदता है, तो डीलर द्वारा काटे गए बिल में GST की दर पहले से ही कम या शून्य होती है।
- ✅ उदाहरण के लिए, यदि एक उपकरण पर 12% GST लगता है, तो किसान को उसी दर पर भुगतान करना होगा। यदि यह GST मुक्त है, तो बिल में कोई टैक्स नहीं जोड़ा जाएगा।
- ✅ किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एक पंजीकृत डीलर से पक्का बिल (Invoice) अवश्य लें, जिसमें GSTIN नंबर और टैक्स का विवरण स्पष्ट रूप से लिखा हो।
GST छूट का कृषि क्षेत्र पर प्रभाव
इस नीति के कई सकारात्मक प्रभाव हैं:
- इनपुट लागत में कमी: टैक्स कम होने से मशीनरी सस्ती हो जाती है, जिससे किसानों की प्रारंभिक निवेश लागत घटती है।
- कृषि का आधुनिकीकरण: सस्ती मशीनरी किसानों को नई और बेहतर तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे उत्पादकता बढ़ती है।
- पारदर्शिता: GST प्रणाली ने कर संरचना को सरल और पारदर्शी बनाया है, जिससे छिपे हुए करों का बोझ समाप्त हो गया है।
- घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा: कृषि उपकरणों की मांग बढ़ने से ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बल मिलता है और घरेलू निर्माताओं को लाभ होता है।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
ध्यान दें:
GST की दरें समय-समय पर GST परिषद की बैठकों में बदल सकती हैं। कोई भी बड़ी खरीदारी करने से पहले, नवीनतम GST दरों की पुष्टि कर लेना एक अच्छा विचार है। आप यह जानकारी GST पोर्टल या किसी कर सलाहकार से प्राप्त कर सकते हैं। हमेशा पक्का बिल लेना सुनिश्चित करें ताकि आप भविष्य में किसी भी विसंगति से बच सकें।
धोखाधड़ी से सावधान!
कुछ अनधिकृत विक्रेता बिना बिल के सामान बेचकर GST बचाने का लालच दे सकते हैं। ऐसे लेनदेन से बचें, क्योंकि इसमें आपको घटिया सामान मिल सकता है और आप किसी भी सरकारी योजना या वारंटी का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
निष्कर्ष
कृषि उपकरणों पर GST में छूट या कमी एक सराहनीय कदम है जो सीधे तौर पर किसानों की वित्तीय सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह नीति न केवल कृषि को अधिक लाभदायक बनाती है बल्कि इसे तकनीकी रूप से उन्नत करने में भी मदद करती है। सरकार द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सब्सिडियों का लाभ उठाकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं और देश की खाद्य सुरक्षा में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं।
Newztaza.in सबसे तेज सबसे आगे